آیت :
1
وَيۡلٞ لِّكُلِّ هُمَزَةٖ لُّمَزَةٍ
विनाश है प्रत्येक बहुत ग़ीबत करने वाले और बहुत दोष लगाने वाले के लिए।
آیت :
2
ٱلَّذِي جَمَعَ مَالٗا وَعَدَّدَهُۥ
जिसने धन एकत्र किया और उसे गिन-गिन कर रखा।
آیت :
3
يَحۡسَبُ أَنَّ مَالَهُۥٓ أَخۡلَدَهُۥ
वह समझता है कि उसके धन ने उसे हमेशा रहने वाला बना दिया?[1]
آیت :
4
كَلَّاۖ لَيُنۢبَذَنَّ فِي ٱلۡحُطَمَةِ
कदापि नहीं, वह अवश्य 'ह़ुतमा' में फेंका जाएगा।
آیت :
5
وَمَآ أَدۡرَىٰكَ مَا ٱلۡحُطَمَةُ
और तुम क्या जानो कि वह 'हुतमा' क्या है?
آیت :
6
نَارُ ٱللَّهِ ٱلۡمُوقَدَةُ
वह अल्लाह की भड़काई हुई आग है।
آیت :
7
ٱلَّتِي تَطَّلِعُ عَلَى ٱلۡأَفۡـِٔدَةِ
जो दिलों तक जा पहुँचेगी।
آیت :
8
إِنَّهَا عَلَيۡهِم مُّؤۡصَدَةٞ
निःसंदेह वह उनपर बंद कर दी जाएगी।
آیت :
9
فِي عَمَدٖ مُّمَدَّدَةِۭ
लंबे-लंबे स्तंभों में।[2]