節 :
1
سَبِّحِ ٱسۡمَ رَبِّكَ ٱلۡأَعۡلَى
अपने सर्वोच्च पालनहार के नाम की पवित्रता का वर्णन करो।
節 :
2
ٱلَّذِي خَلَقَ فَسَوَّىٰ
जिसने पैदा किया और ठीक-ठीक बनाया।
節 :
3
وَٱلَّذِي قَدَّرَ فَهَدَىٰ
और जिसने (हर चीज़ को) अनुमानित किया, फिर मार्ग दिखाया।
節 :
4
وَٱلَّذِيٓ أَخۡرَجَ ٱلۡمَرۡعَىٰ
और जिसने चारा उगाया।[1]
節 :
5
فَجَعَلَهُۥ غُثَآءً أَحۡوَىٰ
फिर उसे (सुखाकर) काले रंग का कूड़ा बना दिया।[2]
節 :
6
سَنُقۡرِئُكَ فَلَا تَنسَىٰٓ
(ऐ नबी!) हम तुम्हें ऐसा पढ़ाएँगे कि तुम नहीं भूलोगे।
節 :
7
إِلَّا مَا شَآءَ ٱللَّهُۚ إِنَّهُۥ يَعۡلَمُ ٱلۡجَهۡرَ وَمَا يَخۡفَىٰ
परन्तु जो अल्लाह चाहे। निश्चय ही वह खुली बात को जानता है और उस बात को भी जो छिपी हुई है।
節 :
8
وَنُيَسِّرُكَ لِلۡيُسۡرَىٰ
और हम तुम्हारे लिए सरल मार्ग आसान कर देंगे।[3]
節 :
9
فَذَكِّرۡ إِن نَّفَعَتِ ٱلذِّكۡرَىٰ
तो आप नसीहत करते रहें। अगर नसीहत करना लाभदायक हो।
節 :
10
سَيَذَّكَّرُ مَن يَخۡشَىٰ
वह व्यक्ति उपदेश ग्रहण करेगा, जो डरता है।
節 :
11
وَيَتَجَنَّبُهَا ٱلۡأَشۡقَى
और उससे दूर रहेगा, जो सबसे बड़ा अभागा है।
節 :
12
ٱلَّذِي يَصۡلَى ٱلنَّارَ ٱلۡكُبۡرَىٰ
जो सबसे बड़ी आग में प्रवेश करेगा।
節 :
13
ثُمَّ لَا يَمُوتُ فِيهَا وَلَا يَحۡيَىٰ
फिर वह उसमें न मरेगा, न जिएगा।[4]
節 :
14
قَدۡ أَفۡلَحَ مَن تَزَكَّىٰ
निश्चय वह सफल हो गया, जो पाक हो गया।
節 :
15
وَذَكَرَ ٱسۡمَ رَبِّهِۦ فَصَلَّىٰ
तथा अपने पालनहार के नाम को याद किया और नमाज़ पढ़ी।[5]