آية :
77
أَفَرَءَيۡتَ ٱلَّذِي كَفَرَ بِـَٔايَٰتِنَا وَقَالَ لَأُوتَيَنَّ مَالٗا وَوَلَدًا
तो क्या (ऐ नबी!) आपने उस व्यक्ति को देखा, जिसने हमारी आयतों का इनकार किया और कहा : मैं अवश्य ही धन तथा संतान दिया जाऊँगा?
آية :
78
أَطَّلَعَ ٱلۡغَيۡبَ أَمِ ٱتَّخَذَ عِندَ ٱلرَّحۡمَٰنِ عَهۡدٗا
क्या उसने परोक्ष को झाँककर देख लिया है, या उसने रहमान से कोई वचन ले रखा है?
آية :
79
كَلَّاۚ سَنَكۡتُبُ مَا يَقُولُ وَنَمُدُّ لَهُۥ مِنَ ٱلۡعَذَابِ مَدّٗا
कदापि नहीं! हम अवश्य लिखेंगे, जो कुछ वह कहता है और हम उसके लिए यातना में अत्यधिक वृद्धि कर देंगे।
آية :
80
وَنَرِثُهُۥ مَا يَقُولُ وَيَأۡتِينَا فَرۡدٗا
और हम उसके वारिस होंगे उन चीज़ों में जो वह कर रहा है और वह अकेला[18] हमारे पास आएगा।
آية :
81
وَٱتَّخَذُواْ مِن دُونِ ٱللَّهِ ءَالِهَةٗ لِّيَكُونُواْ لَهُمۡ عِزّٗا
तथा उन्होंने अल्लाह के सिवा अन्य पूज्य बना लिए, ताकि वे उनके लिए सम्मान का कारण हों।
آية :
82
كَلَّاۚ سَيَكۡفُرُونَ بِعِبَادَتِهِمۡ وَيَكُونُونَ عَلَيۡهِمۡ ضِدًّا
ऐसा कभी नहीं होगा, जल्द ही वे उनकी पूजा का इनकार[19] कर देंगे और उनके खिलाफ (विरोधी) हो जाएँगे।
آية :
83
أَلَمۡ تَرَ أَنَّآ أَرۡسَلۡنَا ٱلشَّيَٰطِينَ عَلَى ٱلۡكَٰفِرِينَ تَؤُزُّهُمۡ أَزّٗا
क्या आपने नहीं देखा कि हमने शैतानों को काफ़िरों पर छोड़ रखा है, वे उन्हें ख़ूब उकसाते रहते हैं?
آية :
84
فَلَا تَعۡجَلۡ عَلَيۡهِمۡۖ إِنَّمَا نَعُدُّ لَهُمۡ عَدّٗا
अतः आपर उनपर जल्दी न करें [1], हम तो केवल उनके लिए (दिन) गिन रहे हैं।
آية :
85
يَوۡمَ نَحۡشُرُ ٱلۡمُتَّقِينَ إِلَى ٱلرَّحۡمَٰنِ وَفۡدٗا
जिस दिन हम परहेज़गारों को रहमान के पास मेहमान बनाकर इकट्ठा करेंगे।
آية :
86
وَنَسُوقُ ٱلۡمُجۡرِمِينَ إِلَىٰ جَهَنَّمَ وِرۡدٗا
तथा अपराधियों को नरक की ओर प्यासे हाँककर ले जाएँगे।
آية :
87
لَّا يَمۡلِكُونَ ٱلشَّفَٰعَةَ إِلَّا مَنِ ٱتَّخَذَ عِندَ ٱلرَّحۡمَٰنِ عَهۡدٗا
वे सिफारिश का अधिकार नहीं रखेंगे, सिवाय उसके जिसने रहमान के पास कोई प्रतिज्ञा प्राप्त कर ली हो।[21]
آية :
88
وَقَالُواْ ٱتَّخَذَ ٱلرَّحۡمَٰنُ وَلَدٗا
तथा उन्होंने कहा कि रहमान ने संतान बना रखी है।[22]
آية :
89
لَّقَدۡ جِئۡتُمۡ شَيۡـًٔا إِدّٗا
निश्चय ही तुम एक बड़ी भारी बात गढ़कर लाए हो।
آية :
90
تَكَادُ ٱلسَّمَٰوَٰتُ يَتَفَطَّرۡنَ مِنۡهُ وَتَنشَقُّ ٱلۡأَرۡضُ وَتَخِرُّ ٱلۡجِبَالُ هَدًّا
समीप है कि इस कथन के कारण आकाश फट पड़ें तथा धरती चिर जाए और और पहाड़ ध्वस्त होकर गिर पड़ें।
آية :
91
أَن دَعَوۡاْ لِلرَّحۡمَٰنِ وَلَدٗا
इस बात पर कि उन्होंने रहमान की संतान होने का दावा किया।
آية :
92
وَمَا يَنۢبَغِي لِلرَّحۡمَٰنِ أَن يَتَّخِذَ وَلَدًا
हालाँकि, रहमान के योग्य नहीं कि कोई संतान बनाए।
آية :
93
إِن كُلُّ مَن فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ إِلَّآ ءَاتِي ٱلرَّحۡمَٰنِ عَبۡدٗا
आकाशों तथा धरती में जो कोई भी है, वह रहमान के पास दास के रूप में आने वाला है।
آية :
94
لَّقَدۡ أَحۡصَىٰهُمۡ وَعَدَّهُمۡ عَدّٗا
निश्चय उसने उन्हें (अपने ज्ञान के साथ) घेर रखा है तथा उन्हें अच्छी तरह गिन रखा है।
آية :
95
وَكُلُّهُمۡ ءَاتِيهِ يَوۡمَ ٱلۡقِيَٰمَةِ فَرۡدًا
और उनमें से हर एक क़ियामत के दिन उसके पास अकेला आने वाला है।[23]